एथिक्स, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति (Ethics, Integrity and Aptitude – Hindi) 2nd edition
पी.डी. शर्मा (P.D. Sharma)
एथिक्स, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति (Ethics, Integrity and Aptitude – Hindi) 2nd edition
पी.डी. शर्मा (P.D. Sharma)
15% Special Discount
297.5 350
ISBN9788131609941
Publication Year2019
Pages388 pages
BindingPaperback
Sale TerritoryWorld
About the Book
प्रस्तुत कृति ‘एथिक्स, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति’ हिन्दी लेखन के क्षेत्र में एक अभिनव प्रयोग है। अनुवाद की दुनिया को सरस बनाने के लिए इस प्रयोग में Translation को Transcription बनाने का प्रयोग किया गया है। इसलिए एथिक्स एथिक्स है, नैतिकता या आचारिका नहीं। सत्यनिष्ठा एक सर्व स्वीकृत शब्द बन चुका है और अभिवृत्ती को भी यहां मनोवृत्ति तथा अभिरूचि से पृथक कर के देखा गया है।
ज्ञान के इस क्षेत्र में दर्शन, लोक प्रशासन तथा मनोविज्ञान तीनों का एक समिश्रित स्वरूप उभर रहा है। अतः मानव आचरण को मनोविज्ञान के सांचे में ढाल कर देखा जाना एक व्यावहारिक दृष्टि है। भ्रष्टाचार केवल कानून का उल्लंघन मात्र नहीं है। इसके लिए सिविल सेवकों को संसार के नैतिक दार्शनिकों के दर्शन को जानना चाहिए। एक सामान्यज्ञ (translist) के रूप में उसे विशेषज्ञों और कार्पोरेट जगत के व्यावसायिक लोगों के साथ भी काम करना है, अतः इस कृति में कार्पोरेट और अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति की नैतिक दुविधाओं का विवेचन भी जोड़ा गया है। पुस्तक धर्म और नैतिकता की शैली में अधिकारियों को केवल उपदेश नहीं देती, वरन् उन सभी समस्याओं का विश्लेषण भी करती है, जो प्रशासक के भ्रष्ट मूल्यों की जड़ में छुपे हैं। भावनात्मक बुद्धि कौशल (Emotional intelligence) का पूरा अध्याय Neural Science की नवीनतम खोजों के संदर्भ में एक मेडिकल पुस्तक के आलेख की तरह लिखा गया है। एटीट्यूड (Attitude) और एप्टीट्यूड (Aptitude) का विश्लेषण एक सिविल सेवक की दुविधाओं को प्रदर्शित करता है। ‘उत्तरदायित्व की एथिक्स’ भारत में उच्च सेवाओं की एक लोकतान्त्रिाक विशेषता बनने जा रही है। इसकी विवेचना में भारत के उभरते पंचायती जनतंत्र, महिला जागरण और पिछड़े वर्ग की स्थिति और राजनीति के आधार पर सिद्धांतों का निरूपण किया गया है।
कुल मिलाकर प्रस्तुत कृति हिन्दी माध्यम के साहित्य में एक नया प्रयोग है। जो लोग हिन्दी जानते हैं वे इसमें तल्लीन हो सकेंगे। यह पाठक को बहुत कुछ नया सोचने की चुनौती भी देती है। ‘जनता की सेवा’ कोरा एक नारा मात्रा नहीं है। अतः इसे वर्क कल्चर और सेवा प्रदत्तता को नये कानूनों के परिप्रेक्ष्य में विवेचित किया गया है। केस अध्ययन परीक्षोपयोगी है और परीक्षार्थी इन्हें लाभदायक पायेंगे।
Contents
1. एथिक्स के अध्ययन : एक वैचारिक खोज
(Explorations in Ethical Studies)
2. अभिवृत्ति और सिविल सेवाओं के आधार मूल्य
(Aptitude and Foundational Values in Civil Services)
3. भावनात्मक बुद्धि कौशल
(Emotional Intelligence)
4. भारत और विश्व के विचारकों का नैतिक दर्शन को योगदान
(Contributions to Moral Philosophy by Thinkers from India and the World)
5. प्रशासन में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण
(Strengthening of Moral Values in Administration)
6. एथिकल आचरण के प्रेरणा स्रोत और आधार
(Source and Bases of Ethical Action)
7. कॉर्पोरेट गवर्नेन्स में एथिक्स के प्रश्न
(Ethical Issues in Corporate Governance)
8. अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में एथिक्स की दुविधाएं
(Ethical Dilemmas in International Relations)
9. केस अध्ययन
(Case Studies)
About the Author / Editor
पी.डी. शर्मा (जन्मः 1933) ने एम.पी.ए. (लोक प्रशासन) तथा पी.एच.डी. (राजनीति विज्ञान) अमेरिका के मिनसोटा विश्वविद्यालय, मिनियापोलिस से 1967 में अर्जित की। वे 1967 के वर्ष के फुलब्राइट स्कॉलर हैं और राजस्थान विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान (1986-89) तथा लोक प्रशासन (1975-77) विभागों में विभागाध्यक्ष रहे। उन्होंने अमेरिका के लिनोर राइन परिसर (नार्थ कैरोलिना) और मिनियापोलिस परिसरों पर अध्ययन, अध्यापन और शोध कार्य किया है। संसार के विभिन्न देशों में 40 वर्षों से लोक प्रशासन और मैनेजमेंट पढ़ाने वाले डा. शर्मा जयपुर के पोद्दार इन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के डाइरेक्टर (1989-90) भी रहे हैं। डॉ. शर्मा का हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर असाधरण अधिकार है। प्रोफेसर शर्मा को उनकी लाइफ टाइम अचीवमेन्टस के लिए IIPA दिल्ली ने एपल-बी अवार्ड देकर एक समर्पित समाज-वैज्ञानिक घोषित किया है। वे मसूरी, हैदराबाद, माउन्ट आबू तथा लखनऊ के प्रशिक्षण संस्थानों में दशकों तक अतिथि फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किये जाते रहे हैं।
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